अगर आपकी जेब कहती है भाई बस अब और पेट्रोल मत पिलाओ और दिल कहता है कि रोज ऑफिस कॉलेज डिलीवरी शिफ्ट में टाइम से पहुंचना है, तो सुनिए एक धांसू खबर जैसी कि पूरा व्हाट्सएप, गलियां, छत की बैठकी और चाय की टपरी पर घूम रही है. बात हो रही है JIO की नई इलेक्ट्रिक साइकिल की, जिसके बारे में दावा है कि यह गरीब और मिडिल क्लास के लिए खास बनाई गई है. EMI माने मासिक किस्त बस सात सौ निन्यानवे Rupees, और रेंज एक चार्ज में अस्सी किलोमीटर तक. सुनने में सपना, पर देसी सपनों का अपना अलग ही एटीट्यूड होता है.
क्यों यह खबर सोशल मीडिया पर फटाफट वायरल हुई
जैसे ही लोगों ने सुना कि JIO अपने नाम की तरह कनेक्टिविटी से अब कम्यूटिंग में भी क्रांति लाने वाला है, क्लिक धड़ाधड़. कुछ ने कहा यह तो आम आदमी का टेस्ला है, कुछ बोले यह तो डिलिवरी बॉयज का IPL ऑरेंज कैप. और सच कहें तो उत्तर प्रदेश बिहार से लेकर दिल्ली मुंबई तक, हर किसी की जिंदगी में रोज के आने जाने का झंझट सबसे बड़ा दर्द है. ऐसे में अगर EMI सात सौ निन्यानवे Rupees के आसपास हो जाए, तो घर में भी शांति और मन में भी हरियाली.
जल्दी से क्लियर कर लें, आधिकारिक क्या है और चर्चा क्या
सबसे पहले साफ बात. अभी तक कंपनी की ओर से कोई ठोस आधिकारिक प्रेस रिलीज सामने नहीं आई कि JIO ने इलेक्ट्रिक साइकिल को रजिस्टर्ड ब्रांड और फाइनल स्पेक्स के साथ लॉन्च कर दिया है. बाजार में जो भनक, लीक, पोर्टल पोस्ट और इन्फ्लुएंसर रील्स चल रही हैं, उनमें अस्सी किलोमीटर रेंज और सात सौ निन्यानवे Rupees EMI का सबसे ज्यादा जिक्र मिल रहा है. यहीं से हमने भी कल्पना की चादर को थोड़ा सा लंबा किया, ताकि आप समझ सकें कि अगर JIO सच में ऐसा कोई प्रोडक्ट उतार दे, तो जमीन पर उसके मायने क्या होंगे. दिनांक आज चौदह सितम्बर दो हजार पच्चीस तक यही पिक्चर है. बाकी जब ऑफिशियल अनाउंसमेंट आएगी, अपडेट करेंगे, सीधी बात.
हमारी कल्पित JIO Pragati E Cycle 80 कैसी हो सकती है
बैटरी और रेंज
- LFP बैटरी टेक्नोलॉजी, करीब पच्चीस से उनतीस Ah की पैकिंग, ताकि वास्तविक दुनिया में पचास साठ किलोमीटर और सेवर मोड में अस्सी किलोमीटर तक खींच ले.
- स्वैपेबल डिजाइन. पीजी में रहते हैं, सोसायटी में प्लग नहीं मिलता, तो बैटरी कमरे में ले जाकर चार्ज कर लें. चार से साढ़े चार घण्टे में फुल.
मोटर और परफॉर्मेंस
- तीन सौ पचास Watt पीक BLDC हब मोटर. जीटी रोड की हल्की चढ़ाई, ओवरब्रिज, और स्कूल की सुबह की भागम भाग में दम न छोड़े.
- तीन मोड. इको, सिटी, बूस्ट. इको में लंबी दौड़, सिटी में बैलेंस, बूस्ट में नखरा.
स्मार्ट फीचर्स, जो JIO स्टाइल लगें
- इनबिल्ट eSIM कनेक्टिविटी के साथ ट्रैकिंग, एंटी थेफ्ट, जियो ऐप में राइड डेटा, सर्विस रिमाइंडर, और घर वालों के लिए शेयर्ड लोकेशन. मां बोले बेटा कहां तक पहुंचा, एक टैप में पता.
- ओटीए अपडेट. जैसे फोन के फीचर बढ़ते हैं, वैसा ही साइकिल का फर्मवेयर भी सुधरे. बैटरी हेल्थ, ब्रेक पैड अलर्ट, टायर प्रेशर की याद दिलाना.
कम्फर्ट और सेफ्टी
- फ्रंट सस्पेंशन फोर्क, ताकि गड्ढों की राजधानी वाली सड़कों पर भी कंधे न झनझनाएं.
- डिस्क ब्रेक्स आगे पीछे, ईसीयू कंट्रोल्ड कट ऑफ. बारिश में भी भरोसा.
- एलईडी हेडलाइट, रियर लाइट, और रिफ्लेक्टर. रात में भी दिखो, ये जरूरी.
EMI सात सौ निन्यानवे Rupees की बात क्यों दिल को छू गई
क्योंकि यही वह राशि है जहां छात्र, डिलिवरी एग्जीक्यूटिव, बस कंडक्टर का बेटा, छोटी दुकान चलाने वाला और गाँव कस्बे के कई परिवार बिना ज्यादा माथापच्ची के हां बोल देते हैं. महीने के हिसाब से देखें तो मोबाइल प्लान, दूध सब्जी और स्कूल की फीस के बीच इतना स्पेस मिल जाता है. अगर डाउन पेमेंट पांच छह हजार Rupees के आसपास हो, और टेन्योर एक से दो साल हो, तो मासिक बजट में यह साइकिल आने जाने के खर्च को सीधा स्लैश कर देगी. प्रतिदिन चार पांच Rupees की बिजली, और आराम से बीस पच्चीस किलोमीटर का डेली रन.
क्या कीमत हो सकती है और कहाँ फिट बैठेगी
अगर JIO सच में आक्रामक प्राइसिंग करे, तो बेस वेरिएंट तीस हजार Rupees के करीब, मिड वेरिएंट बत्तीस तैंतीस हजार और टॉप वेरिएंट पैंतीस से छतीस हजार के बीच रखा जा सकता है. ई कॉमर्स फ्लैश, फेस्टिव बैंक ऑफर और स्टूडेंट स्पेशल के साथ इफेक्टिव ऑन रोड और नीचे आ सकता है. हीरो लेक्ट्रो, ई मोटोराड, नीश ब्रांड्स की एंट्री रेंज ई साइकिलों से सीधी भिड़ंत होगी. पर JIO का प्लस प्वाइंट है सर्विस नेटवर्क, कनेक्टेड ऐप, और फाइनेंस ऑप्शन.
रियल लाइफ उपयोग, यूपी के एंगल से
लखनऊ, कानपुर, नोएडा, गोरखपुर में डेली कम्यूट
मेट्रो प्लस ई साइकिल एक स्वर्गीय कॉम्बो है. मेट्रो स्टेशन तक तीन चार किलोमीटर, फिर लास्ट माइल. ऑटो के खर्चे गायब, ट्रेफिक का टेंशन कम. ऑफिस जाने वाले और कोचिंग पढ़ने वालों के लिए आदर्श.
डिलिवरी जॉब्स
जैसे स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट. ई साइकिल पर फ्यूल कॉस्ट नगण्य. दिन के आठ दस डिलीवरी राउंड में बचत सीधी घर पहुंचती है. थ्रो틀 प्लस पैडल असिस्ट में शरीर भी फिट, कमर भी खुश.
गाँव कस्बे
जहाँ बस स्टैंड पांच सात किलोमीटर दूर होता है, ये साइकिल वरदान. खेत से मंडी, बैंक, पोस्ट ऑफिस आना जाना. चार्जिंग की दिक्कत? मोबाइल की तरह रात में लगाओ, सुबह तैयार.
टेक्निकल बातों पर हमारा दो टूक
- अस्सी किलोमीटर हमेशा लैब कंडीशन में होते हैं. असल दुनिया में राइडर का वजन, हवा, रोड, टायर प्रेशर, और चलाने की आदत सब असर डालते हैं. इसलिए पचास से साठ किलोमीटर के आसपास का यथार्थ मानकर चलें और खुश रहें. ऊंचाई इलाकों में थोड़ा और कम भी हो सकता है.
- LFP बैटरी की सेफ्टी और लाइफ, इंडियन वेदर के लिए बेस्ट मानी जाती है. चार्ज साइकल डेढ़ हजार तक, तो तीन चार साल आराम से खींचना चाहिए, बस ओवरचार्ज और डीप डिस्चार्ज से बचाइए.
- तीन सौ पचास Watt पीक पॉवर शहर में पर्याप्त है. रेस लगाने का मन हो तो क्रिकेट फील्ड पर लगाइए, ट्रेफिक में नहीं.
स्मार्ट कनेक्टिविटी के फायदे और थोड़े खतरे
एंटी थेफ्ट अलार्म, जियो ऐप पर लाइव ट्रैकिंग, जियोफेंस, रिमोट लॉक अनलॉक, बहुत शानदार. पर डाटा प्राइवेसी का ख्याल भी जरूरी. सेटिंग्स में शेयरिंग परमिशन सोच समझकर दें. बच्चों की राइड हिस्ट्री शेयर करने से पहले घर में चर्चा कर लें. और हां, पब्लिक चार्जिंग पर QR स्कैम से बचने के लिए केवल आधिकारिक ऐप और क्यूआर का उपयोग करें.
किसको यह ई साइकिल लेनी चाहिए
- स्टूडेंट जिनका रोज का रूट पाँच से पंद्रह किलोमीटर है.
- डिलिवरी पार्टनर जिन्हें ऑपरेटिंग कॉस्ट कम करनी है.
- ऑफिस गोअर जिनके शहर में मेट्रो, बीआरटीएस या लोकल बस कनेक्टिविटी ठीक है.
- सीनियर सिटिजन जिन्हें जॉइंट फ्रेंडली और हल्की राइड चाहिए.
किसको थोड़ी और सोच समझकर कदम बढ़ाना चाहिए
- जिनकी डेली रन तीस चालीस किलोमीटर से ऊपर है और टाइम बहुत टाइट रहता है. उन्हें हाई कैपेसिटी बैटरी या सेकंड बैटरी पर विचार करना चाहिए.
- हिल एरिया में रहने वालों के लिए मिड ड्राइव मोटर और सात आठ स्पीड गियर वाली साइकिल बेहतर रहती है. कीमत थोड़ी बढ़ेगी, पर चढ़ाई पर पसीना कम निकलेगा.
मेंटेनेंस का देसी फॉर्मूला
- टायर प्रेशर हफ्ते में एक बार चेक करें. कम प्रेशर मतलब रेंज डाउन.
- चेन को महीने में एक बार साफ और लुब्रिकेट करें. पेडलिंग स्मूद रहेगी.
- ब्रेक पैड घिसें तो बदल दें. सेफ्टी से बड़ा कुछ नहीं.
- चार्जिंग आदत. रोज जीरो पर मत छोड़िए. बीस से अस्सी प्रतिशत के बीच रहना बैटरी हेल्थ के लिए बढ़िया.
फाइनेंस, सब्सिडी और खरीदार का मन
भारत में माइक्रो फाइनेंस, नॉन बैंक फाइनेंसर और अब फिनटेक पार्टनर्स सब ई मोबिलिटी के साथ जुड़ रहे हैं. अगर JIO अपनी ही पेमेंट इकोसिस्टम के साथ स्ट्रेट EMI दे, तो सात सौ निन्यानवे Rupees की मासिक किस्त समझ में आती है. कई राज्यों में ई साइकिल पर छोटी मोटी सब्सिडी या स्कीम्स भी आती जाती रहती हैं. त्यौहारों में बैंकों के साथ कैशबैक, नो कॉस्ट EMI और एक्सचेंज बोनस भी आम है. बस शर्तें ध्यान से पढ़ें. प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोजर चार्ज, और ऑटो डेबीट डेट का अलार्म लगा लें.
भावनाएं और बॉलीवुड
मान लीजिए सुबह की ठंडी हवा, पीठ पर हल्का बैग, कान में अरिजीत, और आप अपनी JIO ई साइकिल पर ऑफिस जा रहे. ट्रेफिक में कोई कार वाला हॉर्न बजाता है, आप मुस्कुरा कर साइड करते हैं. सिग्नल पर एक बच्चा पूछता है अंकल यह बैटरी वाली है क्या. आप कहते हो हां बेटा, देश की हवा साफ करनी है, और अपना बजट भी. यही तो वह छोटी बड़ी खुशी है जिसके लिए टेक्नोलॉजी बनती है.
आखिरी बात, उम्मीद और हकीकत
EMI सात सौ निन्यानवे Rupees, रेंज अस्सी किलोमीटर, और JIO का सर्विस नेटवर्क. तिकड़ी काफी लुभावनी है. पर जब तक कंपनी आधिकारिक रूप से मूल्य, स्पेक्स और बुकिंग विंडो नहीं खोलती, तब तक इस खबर को एक उत्साहित, उम्मीद भरी, पर जिम्मेदारी से लिखी गई राय मानें. हमारा मानना है कि यदि ऐसा प्रोडक्ट उतरा, तो यह सचमुच गरीब और मिडिल क्लास की रोज की यात्रा में बड़ा फर्क ला सकता है. तब तक आप कॉमेंट में लिखिए कि आपके शहर में ई साइकिल से रोज कितनी बचत हो सकती है, और क्या फीचर आप जरूर देखना चाहेंगे. हम आपकी राय JIO तक पहुंचाएंगे. बात पक्की.